पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने भारत के साथ सभी विवादास्पद मुद्दों को हल करने के लिए “समग्र वार्ता” की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि सिंधु जल संधि को निलंबित करने या पाकिस्तान की जल आपूर्ति को बाधित करने का कोई भी प्रयास “युद्ध का कार्य” माना जाएगा।
डार का यह बयान अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया है, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी और भारत ने इसके लिए पाकिस्तान स्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया था।
भारत ने इस हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, जिससे पाकिस्तान की कृषि और जलविद्युत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। पाकिस्तान ने इस निर्णय को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए इसे “आक्रामक कृत्य” करार दिया है और भारत से संधि को पुनः बहाल करने की अपील की है।
डार ने पाकिस्तान की सीनेट को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के साथ संघर्ष विराम 18 मई तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन सभी समस्याओं के समाधान के लिए राजनीतिक प्रक्रिया आवश्यक है।