लोकसभा में राष्ट्रीय विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित “भागीदारी न्याय सम्मेलन” में खुले दिल से स्वीकार किया कि उन्होंने 21 वर्षों की राजनीतिक यात्रा में OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) के मुद्दों को गहराई से नहीं समझने की बड़ी चूक की है। उन्होंने माना, “यह मेरी गलती थी कि मैंने आपके इतिहास और समस्याओं को बेहतर तरीके से नहीं समझा, अन्यथा मैंने जातिगत जनगणना पहले ही करवाने की कोशिश की होती” ।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जाति जनगणना न कराना कांग्रेस की गलती नहीं बल्कि व्यक्तिगत रूप से उनकी चूक थी, और अब वह इसे सुधारने का संकल्प ले रहे हैं। राहुल ने तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार द्वारा किए गए व्यापक जाति सर्वेक्षण को उदाहरण बताते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक भूकंप जैसा है, जिसका प्रभाव जल्द ही पूरे देश में दिखाई देगा ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलित, आदिवासी और महिला वर्गों के मुद्दों पर अच्छा कार्य करती रही है, लेकिन ओबीसी वर्ग की गहरी और छिपी चुनौतियों को समझने में पिछड़ गई है । उन्होंने पार्टी से आग्रह किया कि ओबीसी युवाओं को नेतृत्व की भूमिका देने की प्रक्रिया तेज करें और अब कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत जनगणना शुरू की जाएगी ।
इस बीच, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को “अधूरा” और “अति प्रचारित” बताते हुए कहा, “आपने उन्हें बहुत अधिक महत्व दिया, वे कोई बड़ी समस्या नहीं हैं” ।