पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने TDP सरकार पर ₹9,000 करोड़ के बॉन्ड इश्यू मामले में बड़े पैमाने पर वित्तीय अपरिपक्वता और संवैधानिक उल्लंघन का आरोप लगाया है। जगन के अनुसार आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (APMDC) द्वारा जून 2025 में जारी की गई दूसरी किस्त—₹5,526 करोड़—के साथ कुल बॉन्ड राशि ₹9,000 करोड़ तक पहुंच गई, जबकि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन था।
उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि इस घोटाले के लिए राज्य की खनिज संपत्तियों—₹1.91 लाख करोड़ मूल्य तक—को गिरवी रखा गया, लेकिन बॉन्ड का ब्याज दर 9.3% तय की गई, जो कि नियमित राज्य विकास ऋण (SDL) दर से 2.6% अधिक थी। जगन ने सवाल उठाया कि इतनी भारी गारंटी होते हुए भी ब्याज इतना अधिक रखा गया, जिससे हर साल ₹235 करोड़ का अतिरिक्त बोझ राज्य पर बनेगा।
साथ ही उन्होंने नई आरोप लगाया कि आरबीआई की अनिवार्य प्रत्यक्ष डेबिट व्यवस्था के जरिये निजी संस्थाओं को सीधे राज्य कोष से फंड निकालने की अनुमति दी गई, जो अनुबंधों (धारा 203, 204, 293(1)) का उल्लंघन था। जगन ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से सवाल किया, “कौन इस घोटाले से धन बांट रहा है?” ।