जैश-ए-मोहम্মद (JeM) के कमांडर मासूद इलियास काश्मिरी ने हाल ही में दिए गए एक सार्वजनिक भाषण में दावा किया है कि पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के अंतिम संस्कारों (फ्यूनरल) में सेनाध्यक्षों और अन्य उच्च सैन्य अधिकारियों को शामिल होने का आदेश दिया था।
काश्मिरी ने मिशन मुस्तफा कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत की हवाई व मिसाइल हमलों (७ मई को) ने बहावलपुर में जैश-के कैंप को निशाना बनाया था, जिसमें कई आतंकी मारे गए थे। उनके अनुसार, इन हमलों के बाद पाक सेना ने उन आतंकियों के अंतिम संस्कारों को “राजकीय सम्मान” दिए और जनरल-स्तर के अधिकारी भेजे गए।
भारत की रक्षा-विभाग व खुफिया सूत्रों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद जम्मू-कश्मीर में पाहलगाम आतंकी हमले के बाद उन आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त करना था, जो Jaish-e-Mohammed और Lashkar-e-Taiba जैसे समूहों से जुड़े थे।
पाकिस्तान सरकार व सेना ने आज तक इन कैंपों की मौजूदगी से इंकार किया है। इस खुलासे से यह सवाल उठते हैं कि क्या वास्तव में राज्य-स्तर पर आतंकवादी संगठन को समर्थन या संरक्षण मिल रहा है।