पांच साल बाद फिर शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत-चीन संबंधों में आई नरमी

पांच वर्षों के अंतराल के बाद, कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 में पुनः आरंभ होने जा रही है, क्योंकि भारत और चीन के बीच तनाव में कमी आई है। यह यात्रा हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है।​

भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित इस यात्रा में, तीर्थयात्री लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथू ला दर्रा (सिक्किम) के माध्यम से तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की यात्रा करते हैं। यात्रा में तीर्थयात्री 52 किलोमीटर की परिक्रमा (कोरा) करते हैं, जिसमें डोलमा ला दर्रा (5,645 मीटर) पार करना शामिल है।​

कोविड-19 महामारी और भारत-चीन सीमा विवाद के कारण 2020 से यात्रा स्थगित थी। हाल ही में दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के संकेत मिले हैं, जिससे यात्रा के पुनः आरंभ की संभावना बढ़ गई है।​

यात्रा के लिए आवेदन प्रक्रिया, चयन और प्रशिक्षण की जानकारी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य जांच, उच्च ऊंचाई पर चलने की क्षमता और आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति करनी होगी।​

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगी, बल्कि भारत-चीन संबंधों में सुधार का प्रतीक भी बनेगी।

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