पूर्व सैन्य अधिकारी और करगिल युद्ध के नायक त्सेवांग थारचिन की लद्दाख में हुई गोलीबारी में मौत पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा है। tharchin उस प्रदर्शन में शामिल थे जिसमें लद्दाख को संविधान के अंतर्गत “छठी अनुसूची” दर्जा देने की मांग की जा रही थी।
कांग्रेस की ओर से कहा गया कि थारचिन शांति से विरोध कर रहे थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने धारा 144 लागू करके प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई। उनकी मौत से पूर्व सैनिक समुदाय में गहरा आक्रोश फैला है।
थारचिन, जो लद्दाख स्काउट्स में सेवा दे चुके थे, ने आइसन युद्ध और अन्य ऊँचे इलाकों में देश की रक्षा में योगदान दिया। उनके पिता भी भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी रहे हैं।
घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस ने इस कार्रवाई को “देशभक्तों के साथ अन्याय” करार दिया और मांग की है कि मामले की स्वतंत्र जांच हो, दोषियों को सज़ा मिले, और लद्दाख के लोगों को संवैधानिक सुरक्षा दी जाए।
इस घटना से लद्दाख के राजनीतिक और सामाजिक सवाल फिर से जोर पकड़ने लगे हैं — विशेषकर उस क्षेत्र में जो संविधानिक रूप से बेहतर सुरक्षा व प्रतिनिधित्व की मांग कर रहा है।