कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में 2024–25 के दौरान 700 बाल विवाहों की रिपोर्ट के मद्देनजर जिला अधिकारियों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा स्वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी चौंकाने वाला है और यह प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से पूछा, “क्या आपको यह नहीं लगता कि इसे रोका जाना चाहिए?” उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। सिद्धारमैया ने यह भी बताया कि इस वर्ष 1,395 POCSO मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 685 मामलों में नाबालिग लड़कियों की गर्भावस्था की रिपोर्ट है।
उन्होंने अधिकारियों से इन मामलों में त्वरित और कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जिन अधिकारियों ने इन मामलों की रिपोर्ट नहीं की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि यह राज्य की छवि के लिए गंभीर चिंता का विषय है और इसमें कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिद्धारमैया ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और बाल विवाहों की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाएं।