25 मई 2025 को केरल के अलप्पुझा जिले के तट से लगभग 14.6 समुद्री मील दूर, लाइबेरियाई ध्वजवाहक मालवाहक पोत MSC Elsa 3 डूब गया। जहाज पर 643 कंटेनर थे, जिनमें से 13 में खतरनाक रसायन और 12 में कैल्शियम कार्बाइड था। इसके अलावा, जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था। इस घटना के बाद, केरल सरकार ने इसे राज्य-विशिष्ट आपदा घोषित किया है, जिससे आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
भारतीय तटरक्षक बल ने तेल रिसाव और प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। ICG जहाज ‘सक्षम’ और डोर्नियर विमान को तैनात किया गया है, जो प्रभावित क्षेत्र में तेल फैलाव का आकलन और नियंत्रण कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने प्रभावित तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है और स्थानीय समुदायों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इसके अलावा, समुद्री जल और समुद्र तट की मिट्टी के नमूनों की जांच की जा रही है ताकि रासायनिक प्रदूषण का आकलन किया जा सके।
यह घटना केरल के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और तटीय समुदायों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है। सरकार और संबंधित एजेंसियां मिलकर इस आपदा से निपटने के लिए प्रयासरत हैं।