केरल के जनरल एजुकेशन मंत्री वी. शिवंकुट्टी ने राजभवन में ‘भारत माता’ की तस्वीर को धार्मिक प्रतीक बताते हुए राज्यपाल राजेंद्र विष्णुवत अर्लेकार पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक संवैधानिक पदधारी के तौर पर राजभवन में इस तस्वीर के शासनिक कार्यक्रमों में फूल चढ़ाना आधुनिक धर्मनिरपेक्ष संवैधान के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
शिवंकुट्टी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में स्पष्ट किया कि भारत का प्रस्तावना इसे एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणतंत्र घोषित करता है, और सरकारी कार्यक्रमों में किसी धार्मिक प्रतीक का उपयोग संविधान की प्राथमिकताओं को कमजोर कर देता है । उन्होंने कहा, “गवर्नर द्वारा ऐसे धार्मिक रूपक को बढ़ावा देना संविधान की मौलिक धारा का अपमान है।” ऐसे में उन्होंने हाल में आयोजित राजभवन समारोहों का बहिष्कार किया । पहले भी विश्व पर्यावरण दिवस तथा स्काउट्स और गाइड्स समारोह में चित्र के कारण शिवंकुट्टी और कृषि मंत्री पी. प्रसाद ने राजभवन कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था।
राजभवन ने मंत्री की प्रतिक्रिया को ‘प्रोटोकॉल उल्लंघन’ बताते हुए उत्तर दिया कि शिवंकुट्टी ने बिना पूर्व सूचना दिए कार्यक्रम से चले गए, जो अनुचित था । इस विवाद ने राज्यपाल-राज्य सरकार के बीच सत्ता और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई को और गहरा कर दिया है।