मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पाड़ल फाटा गांव में 11 लोगों की मौत के बाद हालात गंभीर हो गए हैं। मृत्यु के बाद परंपरा के अनुसार न तो मृतकों के घरों में और न ही उनके रिश्तेदारों के घरों में भोजन बनता है। इस कारण गांव में भूख की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
ग्रामीणों ने प्रशासन, विधायक और मंत्री से एक समय का भोजन उपलब्ध कराने की गुहार लगाई, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया गया। मंत्री ने कहा कि शाम तक व्यवस्था कर दी जाएगी, जबकि विधायक ने कहा कि वह कहां से व्यवस्था करें।
इस स्थिति में बच्चों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। भूख के कारण कई बच्चे तड़पते हुए देखे गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण उनकी स्थिति दयनीय हो गई है।
मुख्यमंत्री ने गांव का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि राहत कार्यों की गति बहुत धीमी है और उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र होना चाहिए।
यह घटना प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही को उजागर करती है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें तत्काल राहत की आवश्यकता है और सरकार को उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र करना चाहिए।