कर्नाटक सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया है। सरकार का आरोप है कि BJP ने राज्य प्रशासन पर भ्रष्टाचार और खराब शासन का आरोप लगाते हुए झूठी और भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित की हैं। यह विज्ञापन ‘राज्य सरकार की विफलताओं की चार्ज लिस्ट’ शीर्षक से प्रकाशित हुई थीं, जिनमें कांग्रेस सरकार पर बड़े पैमाने पर घोटालों और कुप्रशासन का आरोप लगाया गया था।
कर्नाटक सरकार ने 25 मई को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि वह बेंगलुरु की 42वीं मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में BJP और उसके नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेगी। सरकार ने इन विज्ञापनों को ‘झूठा, विकृत और भ्रामक’ बताया है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से सचिव बीएस पाटिल और शैलजा नायक अदालत में पेश होंगे।
BJP ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे ‘आपातकालीन मानसिकता’ से प्रेरित बताया है। BJP के राज्य अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने इसे ‘साहसहीन’ कदम करार दिया और कहा कि कांग्रेस सरकार विपक्ष की आलोचना को दबाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने इसे ‘1975 के आपातकाल की भावना’ के रूप में देखा है।