भोपाल क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे ड्रग तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो युवाओं को वज़न घटाने और मूड बेहतर करने के बहाने नशीली दवाएं बेचता था। गिरोह के दो मुख्य आरोपी सैफुद्दीन और आशु उर्फ शाहरुख को गोविंदपुरा से गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से 15.14 ग्राम एमडी (मेथाम्फेटामाइन) सहित स्कूटी और मोबाइल जब्त किया गया, जिसकी कीमत लगभग ₹3 लाख बताई गई है।
पुलिस ने बताया कि यह रैकेट जिम, क्लिनिक, कॉलेज परिसरों, क्लबों और पार्टियों में सक्रिय था। आरोपियों ने आरोप स्वीकारा कि डॉक्टरों ने ‘मानसिक स्वास्थ्य उपचार’ के नाम पर एमडी लिखने में मदद की, जबकि जिम ट्रेनरों ने इसे फैट-बर्निंग सप्लीमेंट बताया। खासतौर से युवा महिलाएं इसके शिकार बनीं, पहले उन्हें मुफ्त ड्रग्स दी जातीं, फिर उन्हें ग्राहक बनाकर नेटवर्क में शामिल किया जाता था।
अभियुक्तों ने पुलिस को लगभग 10 अन्य संदिग्धों के नाम भी बताए हैं, जिनकी जांच जारी है। यह कार्रवाई ‘नशे से दूरी, है जरूरी’ अभियान के तहत की गई है और पुलिस ने इसके बाद प्रभावित युवाओं को नशामुक्ति केंद्र भेजा।