महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में माओवादी संगठन के वरिष्ठ नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने 60 अन्य माओवादी साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया है। यह घटना माओवादी आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है। भूपति, जो कि सीपीआई (माओवादी) के पोलितब्यूरो सदस्य और केंद्रीय समिति के सदस्य थे, पर 6 करोड़ रुपये का इनाम था। उनके साथ आत्मसमर्पण करने वालों में 10 डिवीजनल कमेटी सदस्य भी शामिल हैं, जो संगठन की उच्च रैंक के सदस्य थे।
आत्मसमर्पण के दौरान 54 हथियार, जिनमें AK-47 और INSAS राइफल्स शामिल हैं, पुलिस को सौंपे गए। इससे पहले, भूपति ने सार्वजनिक रूप से संघर्ष विराम की अपील की थी, जिसमें उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में हो रही हिंसा और नुकसान पर चिंता जताई थी।
इस आत्मसमर्पण के साथ, महाराष्ट्र में माओवादी आंदोलन का लगभग समापन हो गया है, जो पिछले 50 वर्षों से राज्य में सक्रिय था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में यह आत्मसमर्पण हुआ, जो राज्य सरकार की माओवादी उग्रवाद के खिलाफ चल रही नीति की सफलता को दर्शाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भूपति का आत्मसमर्पण माओवादी आंदोलन में आंतरिक विभाजन और समर्थन की कमी को दर्शाता है। उनकी गिरफ्तारी से शहरी माओवादी नेटवर्क पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जो अब पुलिस की जांच के दायरे में आ सकता है।