महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 14 अक्टूबर 2025 को एक ऐतिहासिक घटना घटी, जब माओवादी संगठन के वरिष्ठ नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ़ भूपति और उनके 60 साथियों ने आत्मसमर्पण किया। इसमें 54 हथियार, जिनमें 7 AK-47 और 9 INSAS राइफल्स शामिल हैं, भी पुलिस को सौंपे गए। भूपति पर छह राज्यों ने मिलकर ₹6 करोड़ का इनाम घोषित किया था।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस आत्मसमर्पण को नक्सल आंदोलन के अंत की शुरुआत बताते हुए कहा कि गढ़चिरौली में यह ऐतिहासिक पल नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भूपति का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि नक्सलियों ने वैचारिक रूप से हार मान ली है।
इस आत्मसमर्पण के पीछे भूपति की पत्नी तारक्का का भी महत्वपूर्ण योगदान है, जिन्होंने दिसंबर 2024 में आत्मसमर्पण किया था। फडणवीस ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भारतीय संविधान की प्रति सौंपी और उन्हें मुख्यधारा में शामिल होने का आह्वान किया।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि महाराष्ट्र में नक्सलवाद का प्रभाव कम हो रहा है, और सरकार की पुनर्वास नीति सफल हो रही है। हालांकि, फडणवीस ने चेतावनी दी कि अगले दो वर्षों तक सुरक्षा बलों को सतर्क रहना होगा, क्योंकि नक्सलियों की अंतिम प्रतिक्रिया संभव है।