तेलंगाना पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। माओवादी पार्टी की केंद्रीय समिति की सदस्य और किशनजी की पत्नी, पोटुला पद्मावती उर्फ सुजाता ने शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 को हैदराबाद में आत्मसमर्पण कर दिया। उनके सिर पर ₹1 करोड़ का इनाम था, और वे माओवादी आंदोलन की शीर्ष नेताओं में से एक मानी जाती थीं।
सुजाता ने माओवादी आंदोलन में 43 वर्षों तक भूमिगत रहकर सक्रिय भाग लिया। उन्होंने दंडकारण्य क्षेत्र में कई माओवादी ठिकानों की स्थापना की और पार्टी के शीर्ष कमांडरों को हथियारबंदी और जंगल युद्ध की ट्रेनिंग दी। उनके पति किशनजी की 2011 में पश्चिम बंगाल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी, जिसके बाद सुजाता ने पार्टी की गतिविधियों में अपनी भूमिका निभाई।
उनका आत्मसमर्पण माओवादी आंदोलन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सुजाता की पार्टी से असंतोष और मुख्यधारा की ओर लौटने की इच्छा को दर्शाता है। उनके आत्मसमर्पण से अन्य माओवादी नेताओं के भी आत्मसमर्पण की संभावना बढ़ सकती है।
तेलंगाना पुलिस ने सुजाता के आत्मसमर्पण को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना है और इसे राज्य में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की सफलता के रूप में देखा जा रहा है।