पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हाल ही में बढ़ती नाराज़गी का दौर है, जहाँ हज़ारों लोगों ने ढाँचागत सुधारों की माँग के साथ सड़क पर उतर आए हैं।
Gilgit-Baltistan के स्थानीय व्यापारी, आम लोग और नागरिक समाज के सदस्य कराकोरम हाईवे को तीन दिनों तक बंद रख चुके हैं, यह प्रदर्शन केंद्रीय सरकार की व्यापार नीतियों, सीमा शुल्क मंजूरी की रोक और आर्थिक उपेक्षा के खिलाफ है।
Rawalakot और Muzaffarabad जैसे PoK के जिलों में बिजली कटौती, बढ़ती मुद्रास्फीति, आवश्यक सेवाओं की कमी व उंचे करों को लेकर भारी आक्रोश देखा गया। जनता ने स्थाई समाधान, पारदर्शी नीतियाँ और सरकारी जवाबदेही की माँग की है।
विशेष रूप से, PoK के लोगों ने बताया कि प्राकृतिक संसाधनों का शोषण हो रहा है, स्थानीय प्रतिनिधित्व कम है और उनकी समस्याओं को दूर करने में सरकार उदासीन बनी हुई है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी माँगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो वे अनिश्चितकालीन हड़तालों और अन्य बड़े प्रदर्शन की रणनीति अपनाएंगे। PoK प्रशासन और पाकिस्तानी केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि वे राज्य के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तंत्र में मूलभूत सुधार करें।