सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 2006 के ‘7/11’ मुंबई रेल ब्लास्ट केस में 12 आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी । उच्च न्यायालय ने कहा था कि अभियोजन की साक्ष्य पूरी तरह विश्वसनीय नहीं थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस रोक का मतलब यह नहीं कि आरोपी वापस जेल जाएंगे — उन्हें अस्थिर परिस्थितियों में जल्द गिरफ्तार नहीं किया जाएगा ।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गावई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट का यह निर्णय “rare of rare” स्थगन योग्य है, क्योंकि इसके कुछ निष्कर्ष महाराष्ट्र में चल रहे अन्य MCOCA मामलों पर प्रभाव डाल सकते हैं ।
महाराष्ट्र सरकार ने उच्च न्यायालय के इस निर्णय को “चौंकाने वाला” बताया था और इसके खिलाफ तुरंत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी । अब सुप्रीम कोर्ट 25 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुनवाई करेगा।
कुल मिलाकर, सुप्रीम कोर्ट की यह कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्णय को फिलहाल प्रभावहीन बनाती है, लेकिन आरोपी फिलहाल जेल चले जाएंगे, इस तरह के कदम से बचेंगे।