भारत सरकार ने GST 2.0 नामक बदलावों की घोषणा की है, जो कि 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होंगे। इन सुधारों का उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल बनाना और रोज़मर्रा की ज़रूरतों के सामानों के दाम में तुरंत राहत पहुंचाना है।
मुख्य बदलावों में शामिल हैं:
- GST स्लैब की संख्या कम कर दी गई है: अब सिर्फ 5%, 18% और 40% दरें बची हैं। पुराने 12% और 28% स्लैबों को समाप्त किया गया है।
- जीवन-दायिनी (essential) वस्तुओं व रोज़मर्रा की चीज़ों पर टैक्स दरें घटाई गई हैं। जैसे कि दूध (UHT), पनीर, घी-मक्खन और डेयरी उत्पादों पर टैक्स दरें 5% या 0% की श्रेणियों में आ गई हैं।
- वाहनों (छोटी-कारें, 350cc से नीचे की बाइक्स आदि) पर टैक्स दरों में कमी हुई है।
- लक्जरी व “सिन” वाले उत्पादों (जैसे महंगी शराब, सिगरेट, उच्च श्रेणी के वाहन आदि) पर 40% GST लागू होगा।
बात केवल टैक्स दरें बदलने की ही नहीं है — सरकार ने यह भी कहा है कि अप्रयुक्त उत्पादों (unsold stock) पर पुराने पैकेजिंग या लेबल्स पर छपे MRP पर नए GST लागू करने की अनुमति मिलेगी। इससे व्यापारियों को नए बदलावों के अनुकूल होने में समय मिल सकेगा।
संक्षेप में, GST 2.0 से उपभोक्ता विशेषतः आवश्यक सामानों पर सस्ते दाम देखेंगे, जबकि लक्जरी और गैर-जरूरी वस्तुओं पर टैक्स अधिक रहेगा। ये बदलाव त्योहारों और खरीद के मौसम से पहले बड़े राहत के संकेत हैं।