नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक महत्त्वपूर्ण चुनावी सौगात की घोषणा की है। उन्होंने बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत मिड‑डे मील रसोइया, रात्रि प्रहरी (नाइट वॉचमैन) और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों (पीईटी एवं हेल्थ इंस्ट्रक्टर) का मानदेय दो गुना बढ़ाने का निर्णय लिया है ।
मुख्य बिंदु मंत्री के अनुसार:
मिड‑डे मील रसोइयों का मासिक मानदेय ₹1,650 से बढ़ाकर ₹3,300 किया गया है।
रात्रि प्रहरी का मानदेय ₹5,000 से बढ़कर ₹10,000 प्रति माह कर दिया गया है।
शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय ₹8,000 से बढ़ाकर ₹16,000 किया गया है, वहीं उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि ₹200 से बढ़कर ₹400 करने की भी घोषणा की गई है।
सीएम ने इस निर्णय को शिक्षा प्रणाली को और सशक्त बनाने के प्रयास के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि ये कर्मी स्कूल स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं और यह मानदेय वृद्धि उनका मनोबल बढ़ाएगी, जिससे उनकी सेवा और समर्पण में सुधार होगा ।
नीतीश कुमार ने यह घोषणा अपने आधिकारिक X (पूर्वः ट्विटर) अकाउंट से की। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि उनकी सरकार नवंबर 2005 से शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। उस समय शिक्षा बजट ₹4,366 करोड़ था, जो अब ₹77,690 करोड़ हो गया है। इस अवधि में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति, विद्यालय भवनों का निर्माण और आधारभूत संरचना के विकास करके शिक्षा क्षेत्र को मजबूती दी गई है ।
यह घोषणा विधानसभा चुनाव से पहले किए गए घोषणाओं की श्रृंखला में एक अहम कदम है, जो कार्यकर्ता वर्ग और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों के आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया है। इसे राज्य में समर्थन आधार मजबूत करने के एक रणनीतिक निर्णय के रूप में भी देखा जा रहा है ।