सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर को यूपीएससी परीक्षा में धोखाधड़ी के आरोपों में अंतरिम जमानत प्रदान की है। कोर्ट ने यह टिप्पणी की कि पूजा खेडकर ने कोई गंभीर अपराध नहीं किया है, जैसे हत्या या आतंकवाद।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सत्यशंकर शर्मा की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज करते हुए पूजा खेडकर को जमानत दी। कोर्ट ने पूजा से जांच में पूर्ण सहयोग करने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि पूजा खेडकर पर ओबीसी और पीडब्ल्यूडी कोटे के तहत गलत प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने का आरोप है, जिससे उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में अतिरिक्त प्रयास किए। इस मामले में दिल्ली पुलिस और यूपीएससी ने जमानत का विरोध किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।
पूजा खेडकर ने आरोपों का खंडन किया है और दावा किया है कि वह जांच में सहयोग कर रही हैं। उन्हें पहले ही यूपीएससी द्वारा सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है और भविष्य में किसी भी परीक्षा में बैठने से स्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया है।