भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने सोमवार, 19 मई 2025 को तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष अली अख़बर अहरीययन के साथ उच्च-स्तरीय वार्ता में चाबहार बंदरगाह परियोजना की प्रगति और क्षेत्रीय सुरक्षा हालात पर विस्तार से चर्चा की। बैठक ऐसे समय हुई है जब भारत-पाकिस्तान संबंध ऑपरेशन सिंदूर के बाद तेज़ तनावों से गुज़र रहे हैं। दोनोें पक्षों ने सहमति जताई कि अफ़ग़ानिस्तान व मध्य एशिया को जोड़ने वाला चाबहार एक “आर्थिक जीवनरेखा” है, जिसे किसी भी द्विपक्षीय तनाव से अलग रखा जाना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, ईरान ने भारत द्वारा मई के शुरू में चाबहार बंदरगाह परिचालन हेतु पाँच-वर्षीय ₹1,420 करोड़ के निवेश समझौते की सराहना की और जल्द ही रेल-लिंक विस्तार को मंज़ूरी देने का आश्वासन दिया। डोभाल ने परियोजना को समयबद्ध पूरा करने के लिए क्वाडरेट नियुक्ति तंत्र—भारतीय शिपिंग मंत्रालय, ईरानी पोर्ट प्राधिकरण, आरसीआईएल तथा अफ़ग़ान ट्रांजिट अधिकारियों—की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
दोनों NSA ने हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा, तट-रक्षक सहयोग, ऊर्जा शिपमेंट की निर्बाध आपूर्ति तथा पाकिस्तान-स्थित आतंकी समूहों द्वारा समुद्री मार्ग के दुरुपयोग पर भी चर्चा की। ईरानी पक्ष ने आश्वस्त किया कि वह चाबहार-ग्वादर बेल्ट में किसी दखल से बचा रहेगा। बैठक में क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत-ईरान-रूस अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वार्ता ने चाबहार को लेकर निवेशिक अनिश्चितताओं को ख़त्म कर दिया है और भारत-ईरान रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दी है।