चीन के क़िंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर हमारा अधिकार था पाकिस्तान‑प्रायोजित आतंकवाद का औचित्यपूर्ण मुकाबला करने का।” उन्होंने बताया कि ७ मई २०२५ को यह ऑपरेशन उन आतंकवादी ठिकानों पर पूर्व‑आक्रामक कार्रवाई के रूप में लॉन्च किया गया ताकि सीमा पार से हमलों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके और आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
राहुल ने चीनी मंच से यह भी कहा, “आतंकवाद और शांति साथ‑साथ नहीं चल सकते; आतंक के महत्त्वकेंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं, और हम उन्हें निशाना बनाना जानते हैं।” उन्होंने आतंकवाद को “क्राइम” करार देते हुए SCO सदस्य देशों से उन राष्ट्रों की आलोचना करने की अपील की जो आतंक को संरक्षण देते हैं ।
बैठक में उन्होंने Pahalgam हमले (२२ अप्रैल) का संदर्भ देते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर उसी के जवाब में शुरू हुआ, जिसमें Lashkar‑e‑Taiba जैसे समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। राजनाथ सिंह की यह चुप्पी तोड़कर पाकिस्तान को हाशिए पर खड़ा करने वाली अपील, भारत की “शून्य‑सहिष्णुता” नीति की सशक्त पुनरावृत्ति है।