अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने Fox News को दिए साक्षात्कार में खुलासा किया कि उन्हें इस्राइल के ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ अभियान से पहले ही जानकारी दी गई थी। इस अभियान में इस्राइल ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों, मिसाइल ढांचों और सैन्य कमान स्थलों पर हवाई हमले किए, जिसमें आईआरजीसी कमांडर हुसैन सलामी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मारे गए ।
ट्रम्प ने कहा कि ‘ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देना है’ और उन्होंने आशा जताई कि वार्ता फिर से शुरू हो सकती है । हालांकि, ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि अमेरिका ने इस हमले में कोई भी भागीदारी नहीं निभाई । रक्षा एवं विदेश मंत्रियों ने भी पिटाई से इनकार किया, जबकि अमेरिकी सेनाएं मध्य-पूर्व में सतर्कता बढ़ा चुकी हैं ।
ट्रम्प का यह खुलासा यह संकेत देता है कि अमेरिका और इस्राइल की गहन खुफिया साझेदारी है, लेकिन उसकी सार्वजनिक स्थिति ‘डिप्लोमैटिक दूरी’ बनाए रखने की रही । इस बयान ने वैश्विक रूप से राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका में वृद्धि हुई है।