राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ मानवता की विजय में एक सुनहरा अध्याय बताया। 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस समारोह में उन्होंने कहा, “यह विजय केवल सैन्य नहीं, बल्कि हमारी एकता और दृढ़ संकल्प की जीत भी है। यह हमारे राष्ट्र की मानवता की सबसे बड़ी जीत का प्रतीक है।”
ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान और पाक-नियंत्रित कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर किया गया सामूहिक हवाई और थल हमला था, जिसका उद्देश्य पहलगाम आतंकवादी हमले का कठोर उत्तर देना था। इस दौरान भारतीय वायुसेना और थल सेना ने संयुक्त रूप से जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल-मुजाहिदीन के नौ प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया।
सिर्फ़ ठिकानों को ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की एयर डिफेंस क्षमता को भी भारी चोट पहुंचाई गई। इस अभियान के दौरान छह फाइटर जेट, दो AWACS विमान, एक C-130 और कई ड्रोन और मिसाइलें भी नष्ट कर दी गईं। वहीं, राजस्थान के कई जिलों पर पाकिस्तान द्वारा किए गए 413 ड्रोन हमलों को भारतीय एयर डिफेंस ने हवा में ही नाकाम कर दिया, जिससे कोई नागरिक नुकसान नहीं हुआ।
इन कारवाईयों ने न केवल आतंकवाद को करार जवाब दिया, बल्कि भारत की रणनीतिक क्षमता एवं कर्तव्य-निष्ठा को भी स्थापित किया। राष्ट्रपति मूर्मू द्वारा इस ऑपरेशन को ‘मानवता की जीत’ बताना, इस निर्णायक कार्रवाई की नैतिक और सामाजिक गहराई को उजागर करता है।