26 जुलाई को करगिल विजय दिवस पर ड्रेस में आयोजित समारोह में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद को दी गई एक निर्णायक प्रतिक्रिया बताया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस ऑपरेशन ने यह संदेश भेजा कि आतंकवाद को सहारे देने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन में वायु, थल व नौसेना ने समन्वित रूप से भाग लिया और लक्ष्य बने नौ उच्च-मूल्य आतंकवादी पद स्थल निशाना बनाकर न्यूट्रलाइज किए गए—बिना किसी नागरिक हानि के।
जनरल द्विवेदी ने कहा, “हमने पहले शांति की पेशकश की, लेकिन पाकिस्तान की कार्रवाई डरपोक थी; उसका जवाब हमने साहस से दिया। ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प, संदेश और प्रतिक्रिया है।” उन्होंने संयंत्र क्षेत्रों में मिसाइल और ड्रोन हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया गया था ।
सेना प्रमुख ने यह भी बताया कि भारत ने ‘रूद्र ब्रिगेड’ जैसी विशेष सेना इकाइयाँ तैयार की हैं और हर इन्फैंट्री बटालियन में ड्रोन प्लेटून स्थापित किया गया है—जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में नियंत्रण खतरों को धाराप्रवाह तरीके से दबाया जा सके ।
इस घोषणा के समय प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन को “100% सफलता” करार देते हुए इसकी सराहना की, वहीं विपक्ष ने संसद में बेहतर पारदर्शिता की मांग उठाई ।