लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि वे “चीन गुरु” बने बैठे हैं। उन्होंने राहुल के कथित तौर पर चीन-पाकिस्तान की साझा रणनीति को रौब दिखाने वाले बयानों का मज़ाक उड़ाया, और कहा कि “कुछ लोग एंटीना चीन के सामने इतनी गहरी चढ़ाई कर लेते हैं कि उनके लिए चीन-भारत को ‘चिंडिया’ कहना स्वाभाविक हो गया”।
जयशंकर बोले कि कांग्रेस ने PoK छोड़ कर पाकिस्तान-चीन मिलन को हवा दी, जिससे आज भारत को दोनों देशों के साथ ‘टैंगो’ करना पड़ रहा है। उन्होंने कांग्रेस की विदेश नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि 41 वर्षों के विदेशी सेवा अनुभव के बावजूद राहुल गांधी चीन नीति पर स्पष्ट नजर नहीं रखते। इसके विपरीत जयशंकर ने अपना चीन दौरा भड़काऊ बयान देने के लिए नहीं, बल्कि आतंरिक गंभीर मसलों जैसे आतंकवाद, व्यापार प्रतिबंधों और न तो कोई ‘गुप्त समझौते’ और न गुप्त चर्चा की शुरुआत—वे इसे ‘चीनी गुरु’ वाले रवैये से अलग बताते हैं।
इस पूरे वार्तालाप का समर्पक हिस्सा था, राहुल गांधी के चीन-पाकिस्तान नेटवर्क संबंधी आरोपों पर सरकार की कूटनीतिक प्रतिक्रिया देने में राहुल की भूमिका को सिरे से खारिज करना, और उसे देशहित से परे निजी बयानबाजी कह कर पुकारना।