भारत की नकल कर पाकिस्तान ने किया ये काम लेकिन हाथ लगी मायूसी!

पाकिस्तान में सबसे ज्यादा खपत मोटर स्पिरिट ऑयल और हाई स्पीड डीजल का है. लेकिन रूसी तेल से सबसे ज्यादा फर्नेस ऑयल का उत्पादन होगा, जिसकी खपत पाकिस्तान में काफी कम है. ऐसे में विशेषज्ञ सरकार की इस कदम को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस डील से पाकिस्तान को ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है.

गंभीर आर्थिक संकट और राजनीतिक उठापटक के बीच रविवार को रूस से रियायती कच्चे तेल की पहली खेप पाकिस्तान पहुंच गई है. आर्थिक बदहाली और विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इस डील को शुरुआत से ही काफी महत्वपूर्ण बताया जाता रहा है. लेकिन तेल मार्केट से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को इस डील से कुछ ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है और न ही यह डील घरेलू तेल की कीमतों को कम करने में मददगार साबित होगा. विशेषज्ञों का कहना है भारत की तरह पाकिस्तान ने रूस से सस्ता तेल खरीदना तो शुरू कर दिया है लेकिन उसे भारत जैसा लाभ नहीं होने वाला है.

तेल उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि पाकिस्तान और रूस के बीच हुई यह डील राजनीति से प्रेरित ज्यादा नजर आ रही है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) चीफ और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार शरीफ सरकार पर हमलावर नजर आ रहे थे. पीटीआई का कहना था कि जब भारत रूस से सस्ता तेल खरीद सकता है तो पाकिस्तान क्यों नहीं. विशेषज्ञों का कहना है कि शहबाज सरकार का यह कदम ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार पीटीआई के आरोपों को खारिज करना चाहती है और इसीलिए बहुत लाभ ना होने के बावजूद रूस से तेल आयात कर रही है.

मुख्य समाचार

विज्ञापन

Topics

More

    Related Articles