कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए शुरू हो गई है, और इस बार यह ऐतिहासिक यात्रा सिक्किम के नाथुला दर्रे के माध्यम से हो रही है। यह यात्रा पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद फिर से शुरू की गई है। आखिरी बार 2019 में यह यात्रा आयोजित की गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी और चीन के साथ तनावपूर्ण हालातों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
इस वर्ष यात्रियों को नई ऊर्जा और उम्मीद के साथ यात्रा का अवसर मिला है। नाथुला दर्रा, जो समुद्र तल से लगभग 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, भारत-चीन सीमा पर एक प्रमुख व्यापार और तीर्थ मार्ग है। इस मार्ग से यात्रा अपेक्षाकृत कम खतरनाक और सुगम मानी जाती है, विशेषकर बुजुर्ग और महिलाओं के लिए।
भारत सरकार ने इस बार की यात्रा के लिए सुरक्षा, चिकित्सा, और संचार व्यवस्था को और भी मजबूत बनाया है। साथ ही यात्रियों के लिए विशेष प्रशिक्षण, स्वास्थ्य जांच और आईडी सत्यापन की प्रक्रिया को भी अनिवार्य किया गया है। इस यात्रा की बहाली से धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन और सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।