प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को नामीबिया के विंडहोक पहुँचकर औपचारिक स्वागत समारोह के दौरान स्थानीय संस्कृति से जुड़ने का प्रभावशाली पल रचते नजर आए। स्वागत में उन्हें पारंपरिक ढोल बजाने का मौका मिला, जहाँ उन्होंने हाथों में ढोल लेकर स्थानीय वाद्यधर्मियों के साथ ताल-मेल बैठाया। इस दृश्य ने न केवल भारत–नामीबिया के रिश्तों की सजीव झलक दी बल्कि दोनों देशों की सामूहिक सम्मान और सद्भावना को भी दर्शाया ।
यह दौरा मोदी के पांच देशों के यात्रा कार्यक्रम का अंतिम पड़ाव है और इसका मकसद अफ्रीकी महाद्वीप में भारत की महत्वपूर्ण उपस्थिति को सिद्ध करना है। नामीबिया उनकी पहली राज्य यात्रा है और प्रधानमंत्री का यह तीन दशक में पहला भ्रमण है, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और बहु-आयामी कूटनीति को और सुदृढ़ बनाना है ।
ढोल-मय “बीट ड्रॉप” का यह उत्साह बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में जोश भर गया और भारतीय पहल की गर्मजोशी का संकेत था। इस सांस्कृतिक इशारे ने साफ संदेश दिया कि सरकार केवल व्यापार एवं ऊर्जा समझौतों तक सीमित नहीं है, बल्कि लोगों के स्तर पर संबंध गहरा करने की दिशा में भी गंभीर है।
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