प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिवाली के पावन अवसर पर अपनी परंपरा निभाते हुए INS Vikrant पर सवार होकर नौसेना के जवानों के साथ त्योहार मनाया। उन्होंने कहा कि यह पहला पूरी तरह से स्वदेशी विमानवाहक पोत मात्र नाम से ही पड़ोसी देश पाकिस्तान की “रातों की नींद उड़ा” देता है।
मोदी ने कहा कि “जब दुश्मन आपके सामने हो, युद्ध की संभावना हो, तो जो स्वाधीन है — वही सर्वोच्च हाथ में रहता है।” उन्होंने बताया कि वर्ष में मई महीने में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं की असाधारण समन्वय-कुशलता ने पाकिस्तान को शीघ्र “घुटने टेकने” पर मजबूर कर दिया।
उन्होंने INS Vikrant को सिर्फ युद्धपोत नहीं बल्कि “21वीं सदी के भारत की मेहनत, प्रतिभा, असर और प्रतिबद्धता” का प्रतीक बताया। बात करते हुए उन्होंने कहा, “आज एक ओर मेरे सामने अनंत आकाश है, दूसरी ओर यह विशाल ‘विक्रांत’ है, जिसमें अनंत शक्तियाँ समाहित हैं। समुद्र की लहरों पर सूरज की किरणों का झिलमिलाना उन बहादुर सैनिकों द्वारा प्रज्ज्वलित दीपों की तरह है।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नौसेना के जवानों को हृदय से धन्यवाद दिया तथा यह विश्वास जताया कि देश की सुरक्षा-तैयारी, आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण और सीमाओं की रक्षा के प्रति भारत का संकल्प दृढ़ है।