स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रभाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, “मैं किसानों के हितों की रक्षा में दीवार की भांति खड़ा रहूंगा,” जिससे इस वैश्विक व्यापार तनाव के बीच उनके संकल्प की झलक मिली ।
उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र की रक्षा में कोई समझौता अस्वीकार्य है, और किसानों, मछुआरों और पशुपालकों को उनकी मेहनत का सम्मान सुनिश्चित रहेगा । यह संदेश विशेष रूप से अमेरिका द्वारा हाल ही में लगाए गए उच्च क्षेत्रीय शुल्कों—जिनकी दर 50% तक पहुंच गई है—के परिप्रेक्ष्य में आया, और यह संकेत था कि देश अपनी कृषि संप्रभुता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करने वाला ।
पीएम मोदी ने “आत्मनिर्भर भारत” का महत्व भी रेखांकित किया, जिसमें उन्होंने उर्वरकों, जेट इंजनों और ईवी बैटरियों जैसे क्षेत्रों में घरेलू उत्पादन पर जोर दिया, ताकि वैश्विक चुनौतियों का सामना आत्ममार्जित होकर किया जा सके ।