पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में जारी अशांति के बीच पाकिस्तान सरकार ने जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) के सामने घुटने टेक दिए हैं और उनकी 38 में से 25 प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है। यह समझौता क्षेत्रीय विकास, संसदीय सुधारों और सामाजिक कल्याण योजनाओं से संबंधित है।
JAAC की प्रमुख मांगों में 12 विधानसभा सीटों का निरसन शामिल था, जो पाकिस्तान में बसे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन सीटों का उपयोग राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, JAAC ने सस्ती बिजली, रियायती आटा, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं, और बुनियादी ढांचे में सुधार की मांग की थी।
पाकिस्तान सरकार ने इन मांगों पर विचार करते हुए कई सुधारों की घोषणा की है, जिनमें बिजली दरों में कमी, आटा सब्सिडी, और प्रशासनिक सुधार शामिल हैं। हालांकि, कुछ मांगों पर अभी भी चर्चा जारी है।
यह समझौता पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में शांति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो स्थानीय लोगों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकता है।