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तमिलनाडू समेत तीन राज्यों ने कफ सिरप की बिक्री पर लगाया

कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत होने की घटना के बाद देशभर में हड़कंप मचा हुआ है. इस बीच तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. बता दें कि बीते दिनों राजस्थान और मध्य प्रदेश में करीब 12 बच्चों की मौत हो गई. जिसका कारण कफ सिरप पानी बताया गया था. इसी को ध्यान में रखते हुए तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ नाम के कफ सिरप को राज्य में बैन कर दिया और उसे पूरे बाजार से हटाने का निर्देश दिया है. इस कफ सिरप को चेन्नई की एक कंपनी बनाती है. तमिलनाडु में इस कप सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.

वहीं राजस्थान सरकार भी कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर एक्शन मोड में है. राजस्थान सरकार ने राज्य औषधि नियंत्रक को सस्पेंड कर दिया है. वहीं सरकार ने जयपुर स्थित कंपनी केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है. अधिकारियों के मुताबिक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित सभी 19 दवाओं की आपूर्ति पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही सरकार ने डेक्सट्रोमेथॉर्फन युक्त अन्य सभी कफ सिरप के वितरण पर भी रोक लगा दी है.

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद राज्य सरकार इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है. यही नहीं सीएम मोहन यादव ने कंपनी के अन्य प्रोडक्ट्स की बिक्री पर भी रोक लगा दी है.

तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. यही नहीं सरकार ने पूरे बाजार से इस सिरप को हटाने के भी आदेश दिया है. खाद्य सुरक्षा विभाग के मुताबिक, 1 अक्टूबर से राज्य में इस सिरप के निर्माण और बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. वहीं कांचीपुरम जिले के उत्पादन प्लांट का निरीक्षण कर सैंपल को कलेक्ट को भेज दिया गया है.

इस सिरप की सरकारी लैब से टेस्टिंग के बाद आई रिपोर्ट के बाद सिरप के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें कि तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के सुंगुवरछत्रम स्थित दवा कंपनी में बने कफ सिरप को राजस्थान, मध्य प्रदेश और पुडुचेरी में सप्लाई किए जाते हैं. राजस्थान और मध्य प्रदेश में 12 बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु सरकार ने ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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