ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रदर्शन के बाद, सेना में अग्निवीरों की बरकरारी बढ़ाने पर जोर देने के लिए शुरू हुई चर्चा

भारत की सेना में अग्निवीरों की चार वर्षीय सेवा के बाद उनकी बरकरारी को लेकर गंभीर विचार-विमर्श चल रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में 3,000 से अधिक अग्निवीरों की उत्कृष्ट भूमिका के बाद, उनकी अनुभव और दक्षता को ध्यान में रखते हुए, सेना में उनकी स्थायी नियुक्ति की संभावना पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में अग्निवीरों का प्रदर्शन “उत्कृष्ट” रहा, जिससे उनकी क्षमता पर सवाल उठाने वालों के मुंह बंद हो गए। इस ऑपरेशन में, अग्निवीरों ने पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन और मिसाइल हमलों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया और भारत की वायु रक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान की।

वर्तमान नियमों के अनुसार, चार साल की सेवा के बाद, अग्निवीरों में से केवल 25% को ही स्थायी सेवा में लिया जाता है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, सेना में इस प्रतिशत को बढ़ाकर 70-75% तक करने की चर्चा हो रही है, विशेषकर इन्फैंट्री और अन्य युद्ध शाखाओं में। विशेष बलों के लिए यह प्रतिशत 100% तक बढ़ाने की संभावना पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अग्निवीरों की औसत आयु में अत्यधिक वृद्धि न हो। इन प्रस्तावों पर अगली सेना कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में चर्चा की जाएगी, जिसके बाद सरकार से मंजूरी प्राप्त की जाएगी।

मुख्य समाचार

Topics

More

    Related Articles