राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर नया हमला बोला है, और इसे लेकर उन्होंने कहा है कि पार्टी का दूसरा नाम ही “पेपर चोर” है। उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा पेपर लीक्स और नौकरियों में अनियमितताओं के ज़रिए युवाओं का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।
गांधी ने उत्तराखंड में हालिया पेपर लीक मामलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि “पेपर चोरी” भाजपा की एक आदत बन चुकी है। उनका मानना है कि इस तरह की घटनाएँ न केवल शिक्षा प्रणाली की साख को चोट पहुंचाती हैं, बल्कि युवाओं के भरोसे को भी हिला देती हैं।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “वोट चोरी” और “पेपर चोरी” आपस में जुड़े हैं — चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं के बाद नौकरी और शिक्षा जैसे अवसरों में भी भ्रष्टता घुस जाती है। राहुल गांधी का तर्क है कि यदि सरकार निष्पक्ष तरीके से काम करती, तो आज युवाओं को इस तरह की चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ता।
भाजपा की ओर से अभी तक इस आरोप पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस बयान ने राजनीतिक बहस को फिर से जीवंत कर दिया है—विशेष रूप से शिक्षा, नौकरियों और पारदर्शिता के विषय पर।