इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 26 सितंबर 2025 को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी। यह याचिका वाराणसी की एमपी/एमएलए विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी, जिसमें गांधी के खिलाफ सिख समुदाय पर की गई कथित टिप्पणी को लेकर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए मामले की आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी है।
यह मामला उस समय शुरू हुआ था जब वाराणसी निवासी नागेश्वर मिश्रा ने गांधी की सितंबर 2024 में अमेरिका यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर अदालत में याचिका दायर की थी। मिश्रा ने आरोप लगाया था कि गांधी ने कहा था कि भारत में सिखों के लिए माहौल सुरक्षित नहीं है, जिससे समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है।
राहुल गांधी के वकील ने उच्च न्यायालय में तर्क प्रस्तुत किया कि उनकी टिप्पणी संदर्भ से बाहर पेश की गई है और इसका उद्देश्य समुदायों के बीच सौहार्द बनाए रखना था। हालांकि, न्यायालय ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया।
इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी, जिससे उनके राजनीतिक और कानूनी भविष्य पर असर पड़ सकता है।