भारत सरकार ने रूस में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने रूस से संपर्क कर उन भारतीयों को रिहा करने की अपील की है जिन्हें धोखे से रूसी सेना में भर्ती किया गया था। हाल ही में, हरियाणा के फतेहाबाद जिले के दो युवाओं, अंकित जांगड़ा और विजय पूनिया, ने आरोप लगाया कि उन्हें रूस में उच्च वेतन वाली नौकरी का लालच देकर सेना में भर्ती किया गया और यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में भेजा गया। इन युवाओं ने वीडियो संदेश भेजकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
इसके अतिरिक्त, सात अन्य भारतीय नागरिकों ने भी आरोप लगाया है कि उन्हें रूस में निर्माण कार्य के लिए बुलाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें सेना में भर्ती कर लिया गया। वे वर्तमान में यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र के सेलिडोव में फंसे हुए हैं और उन्होंने भारतीय दूतावास से मदद की अपील की है।
विदेश मंत्रालय ने इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए भारतीय नागरिकों को चेतावनी दी है और उन्हें रूस की सेना में भर्ती होने से दूर रहने की सलाह दी है।
भारत सरकार रूस से इन नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाया गया है।