विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा, “’किस्सा कुर्सी का’ नामक एक फिल्म है, और ये तीन शब्द सही मायने में बताते हैं कि आपातकाल क्यों लगा। जब कोई परिवार राष्ट्र से ऊपर माना जाए, तब आपातकाल जैसे कदम उठाये जाते हैं”। जयशंकर ने आगे स्पष्ट किया कि यह कदम “देश और समाज की हिम्मत तोड़ने” की साजिश के रूप में कार्यरत था, जिससे नियमित नागरिकों को भी गिरफ्तारी का भय रहता था ।
उन्होंने कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि आपातकाल सत्ता पर निजी कब्जा दिखाता है, जिसमें लोकतंत्र, प्रेस की आज़ादी और नागरिक अधिकारों को कुचला गया। जयशंकर ने गांधी परिवार विशेषकर इंदिरा गांधी और संजय गांधी की भूमिका की ओर संकेत किया, और राहुल-सोनिया गांधी से माफ़ी मांगने को कहा ।
उनका भाषण बीजेडवायएम (BJYM) के mock parliament कार्यक्रम में हुआ, जहां उन्होंने संविधान का अपमान करने वाले “हाथ में संविधान, दिमाग में कुछ और” जैसे कथन भी किए । उन्होंने चेतावनी दी कि आज़ादी कभी हल्के में नहीं लेनी चाहिए।