जसप्रीत बुमराह ने अपने करियर का जश्न मनाते हुए कहा, “कुछ ने कहा मैं आठ महीने में खत्म हो जाऊँगा, लेकिन मैं लगभग दस साल खेल चुका हूँ।” इंग्लैंड के खिलाफ लीसेस्टर टेस्ट में उनका 14वां टेस्ट पांच विकेट का प्रदर्शन उन आलोचकों के मुंह पर ताले जैसा था, जिन्होंने उनकी चोट-प्रवण और अनोखी एक्शन को देखते हुए उनकी दीर्घायु को संदेह के घेरे में रखा था।
बुमराह ने स्पष्ट किया कि हर चोट के बाद लोग उनकी मृत्यु का एलान करते हैं, लेकिन उनका आत्म‑विश्वास और कड़ी मेहनत ने उन्हें लंबा करियर जीने का रास्ता दिया है। उनका मानना है, “मैं अपना सर्वश्रेष्ठ तैयार करता हूँ और फिर भगवान पर छोड़ देता हूँ कि कितनी आशीष दी जाए।” उन्होंने यह भी बताया कि वह आलोचनाओं पर ध्यान नहीं देते, क्योंकि जो लोग हेडलाइन में उनका नाम लिखते हैं, वे ऐसा व्यूअरशिप बढ़ाने के लिए करते हैं ।
बुमराह ने इसके अलावा कहा, विकेट फिलहाल बल्लेबाज़ों के लिए अच्छा है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में नई गेंद से स्विंग बनी रहेगी। उनका फोकस मैदान पर मौजूद उस पल और विपक्षी बल्लेबाज़ की रणनीति पर ही रहता है । अपनी आस्था, अनुशासन और तैयारी के दम पर उन्होंने साबित किया है कि सही प्रतिबद्धता और विश्वास से शंकाओं को मात दी जा सकती है।