लद्दाख में राज्य के दर्जे की मांग को लेकर बुधवार को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत और 80 से अधिक लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद, केंद्र सरकार ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर आरोप लगाया कि उन्होंने ‘अरब स्प्रिंग’ और नेपाल के जेन-जेड आंदोलनों का हवाला देकर लोगों को भड़काया, जिससे यह हिंसा भड़की।
गृह मंत्रालय के अनुसार, वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल के दौरान ऐसे बयान दिए, जो लोगों को गुमराह करने वाले थे और उन्होंने ‘अरब स्प्रिंग’ जैसे आंदोलनों का संदर्भ देकर स्थिति को और बिगाड़ा। सरकार का कहना है कि उनकी ये बयानबाजी और कुछ राजनीतिक रूप से प्रेरित समूहों की गतिविधियों ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी।
वांगचुक ने हिंसा के बाद अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी और अपने गांव लौट गए, लेकिन उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। सरकार ने इस पर भी चिंता जताई है।
इस घटना ने लद्दाख में राज्य के दर्जे की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को एक नया मोड़ दिया है और यह सवाल उठाया है कि क्या ऐसे बयानबाजी से स्थिति को और बिगाड़ा जा सकता है।