उत्तराखंड में UKSSSC (उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों ने राज्य की सियासत और बेरोज़गारों की नाराज़गी को हवा दे दी है। दोषी आरोपियों की गिरफ्तारी और धरने प्रदर्शन अब दिनचर्चा बने हैं।
गुरुवार को मुख्य आरोपी खालिद मलिक को हरिद्वार में गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार उसने परीक्षा केंद्र में मोबाइल छुपाकर तीन पन्नों की फोटो खींची और अपनी बहन सबिया को भेजी, जो आगे से सहायता कर रही थी।
उसकी बहन पहले ही हिरासत में है और मामले में अन्य लोगों पर भी जांच जारी है।
सुरक्षा व्यवस्था में भी बड़ी चूक सामने आई है—जिस कक्ष में आरोपी ने परीक्षा दी, वहाँ जैमर नहीं थे। उस प्रिंसिपल ने स्वीकार किया कि आयोग ने कुल 15 जैमर मुहैया कराए थे, जबकि केंद्र में 18 कक्ष थे।
सरकार ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए SIT (विशेष जांच दल) गठित किया है, जो एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट न्यायाधीश की निगरानी में काम करेगा। इस दल के पास राज्यव्यापी अधिकार होंगे और इसे एक महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
धरने पर बैठे बेरोज़गार युवाओं का आरोप है कि सरकार का कदम केवल दिखावा है। परेड ग्राउंड में दिन-रात धरना जारी है और वे परीक्षा रद्द कर दोबारा आयोजन की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरोपियों को “cheating jihadis” कहा और कड़ी कार्रवाई का वादा किया है।