लद्दाख में राज्यत्व की मांग को लेकर बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हो गए। इनमें 30 से अधिक पुलिस और सीआरपीएफ कर्मी भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय और पुलिस वाहनों को आग के हवाले किया, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस और गोलीबारी का सहारा लेना पड़ा।
केंद्र सरकार ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि वांगचुक ने ‘अरब स्प्रिंग’ और नेपाल के जेन-जेड आंदोलनों का हवाला देकर लोगों को भड़काया, जिससे स्थिति बिगड़ी।
वांगचुक ने हिंसा के बाद अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी और युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की। लेह में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
लद्दाख में 2019 में जम्मू और कश्मीर से अलग होने के बाद से राज्यत्व की मांग को लेकर आंदोलन जारी है। स्थानीय लोग क्षेत्रीय स्वायत्तता और जनजातीय क्षेत्रों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।