लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शनों में हिंसा के बाद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया है। 26 सितंबर 2025 को उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया और जोधपुर केंद्रीय कारागार भेजा गया, जो उनके गृह क्षेत्र से 1,000 किलोमीटर से भी अधिक दूर है ।
वांगचुक, जो पर्यावरणविद् और शिक्षा सुधारक हैं, ने 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसमें राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची में शामिल करने और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की मांग की गई थी। 24 सितंबर को प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हुए । इसके बाद वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी और शांति की अपील की ।
केंद्र सरकार ने वांगचुक पर भड़काऊ बयानों और वीडियो के माध्यम से हिंसा को उकसाने का आरोप लगाया है । हालांकि, वांगचुक ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि सरकार उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रही है । उनकी गिरफ्तारी के बाद, विपक्षी दलों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला और लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है ।
यह घटना लद्दाख में बढ़ती असंतोष और केंद्रीय नियंत्रण के खिलाफ स्थानीय समुदाय की निराशा को उजागर करती है। केंद्र सरकार और लद्दाख के नेताओं के बीच 6 अक्टूबर को फिर से बैठक प्रस्तावित है ।