विशेष: भोपाल गैस त्रासदी के 37 बरस-5 हजार से अधिक लोगों ने जहरीली गैस से दम घुटने की वजह से गंवाई थी जान

आज से 37 साल पहले विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी यानी भोपाल गैस कांड ने पूरी दुनिया को झकझोर कर दिया था. इस घटना में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस हादसे में 5 हजार के करीब मौतें हुईं. लाशों को ढोने के लिए गाड़ियां और कफन भी कम पड़ गए थे. इसके साथ हजारों जानवरों ने भी जहरीली गैस के आगोश में आकर जान गंवा दी थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, फैक्ट्री से 40 टन गैस रिसाव हुआ था जिसमें 5,74,376 लोग प्रभावित हुए थे जबकि करीब 3800 लोगों की मौत हुई थी.

गैस त्रासदी के बाद इसके प्रभावित 52100 प्रभावितों को 25 हजार रुपये का मुआवाजा दिया गया जबकि मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये और अत्यधिक प्रभावितों को 1-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया. हालांकि मौत को लेकर विभिन्न समूह या सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि मरने वालों की संख्या करीब 10 हजार के आसपास हजार हो सकती है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए एक आंकड़े में बताया गया है कि दुर्घटना ने 15,724 लोगों की जान ले ली थी. हादसे का मुख्य आरोपी वॉरेन एंडरसन था, जो इस कंपनी का सीईओ था. इस घटना के दो-तीन दिनों बाद 6 दिसंबर को एंडरसन को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन अगले ही दिन 7 दिसंबर को एंडरसन सरकारी विमान से दिल्ली भेजा गया और वहां से वो अमेरिका चले गए.

इसके बाद एंडरसन कभी भारत लौटकर नहीं आए. कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया था. 29 सितंबर 2014 को फ्लोरिडा में 93 साल की उम्र में एंडरसन का निधन हो गया। 37 साल बाद उस घटना को याद करते हुए कराह उठते हैं।.अभी भी भोपाल के जख्म भरे नहीं हैं.

–शंभू नाथ गौतम

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