व्हाइट हाउस ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने के माध्यम से मास्को की युद्ध अर्थव्यवस्था को वित्तीय सहयोग प्रदान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि भारत वाकई अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी बनना चाहता है तो उसे यह व्यवहार तुरंत बंद करना चाहिए।
नवारो ने यह भी बताया कि भारत “वैश्विक क्लियरिंगहाउस” की तरह काम करता है—जहाँ प्रतिबंधित रूसी तेल को शोधन कर पश्चिमी बाजारों में बेचा जाता है, जिससे रूस डॉलर कमा रहा है।
साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत रूस व चीन के साथ संबंधों को गहरा कर रहा है—जिससे अमेरिका में चिंता बढ़ी है कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता के नाम पर ग्लोबल पावर ब्लॉकों के समीप हो रहा है।
इस कार्रवाई का सीधा परिणाम यह हुआ है कि अमेरिका ने भारत पर कुल 50% तक शुल्क (टैरिफ) लागू कर दिया है—जिसे ‘राष्ट्रीय सुरक्षा टैरिफ’ की धारा के तहत लगाया गया है—और इससे द्विपक्षीय व्यापार पर दबाव बनने लगा है।