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भारतीय वैज्ञानिकों ने सूरज की रोशनी से खोजी स्वच्छ ईंधन की चाबी, अब पेट्रोल नहीं सूरज देगा ताक़त

भारतीय वैज्ञानिकों ने सूरज की रोशनी से खोजी स्वच्छ ईंधन की चाबी, अब पेट्रोल नहीं सूरज देगा ताक़त

उत्तर भारत के वैज्ञानिकों ने प्रकृति और पर्यावरण के संतुलन की दिशा में एक बड़ी खोज की है: सिर्फ प्राकृतिक सूरज की रोशनी का उपयोग करके स्वच्छ ईंधन बनाया जा सकता है। चेन्नई स्थित हिंदुस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (HITS) में प्रोफेसर इन्द्रजीत शौन और उनकी टीम ने नैनो एनर्जी जर्नल में प्रकाशित शोध में यह बताया है कि कैसे उन्होंने एक विशेष पदार्थ विकसित किया जो CO₂ को सीधे Acetaldehyde में बदल सकता है, जो आगे जलने पर स्वच्छ ईंधन का स्रोत बनता है ।

यह प्रक्रिया सामान्य सूर्य की किरणों पर आधारित है, न कि किसी विशेष या संवर्धित प्रकाश पर. यह तकनीक पुरानी विधियों की तुलना में लगभग 200 गुना तेज और अधिक प्रभावी है । टीम ने जिंक- और सल्फर-आधारित यौगिकों से इसका निर्माण किया ताकि फोटो–कैटेलिटिक क्षमता बेहतर हो सके । इससे यह साबित हुआ कि CO₂ का उपयोग पर्यावरणीय प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन में भी किया जा सकता है।

इस खोज से क्लीन फ्यूल का उत्पादन अब और अधिक पर्यावरण-मित्र, किफायती और कार्बन न्यूट्रल हो सकता है। आगे की योजनाओं में टीम AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का सहारा लेकर और बेहतर पदार्थों की खोज भी करना चाहती है। HITS के उपकुलपति Dr. SN Sridhara ने इसे जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है ।

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