सुप्रीम कोर्ट ने असम में कथित फर्जी मुठभेड़ों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने असम मानवाधिकार आयोग (AHRC) को निर्देश दिया है कि वह इन मामलों की जांच करे और प्रभावित परिवारों से संपर्क स्थापित करने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी करे।
यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया गया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि असम सरकार ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मुठभेड़ जांच दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। अदालत ने कहा कि यदि ये मुठभेड़े फर्जी पाई जाती हैं, तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का उल्लंघन होगा।
हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी मामलों को बिना उचित जांच के फर्जी मानना उचित नहीं होगा। अदालत ने असम सरकार से कहा है कि वह आयोग को आवश्यक संसाधन और सहयोग प्रदान करे ताकि जांच निष्पक्ष और प्रभावी हो सके।