दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board – DJB) और नगर निगम (MCD) पर यमुना नदी में सीवेज प्रवाहित करने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कुल ₹50.44 करोड़ का जुर्माना लगाया था। जनवरी 2025 में सुनाए गए इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है।
NGT ने यह पर्यावरणीय शुल्क DJB और MCD को बराबर—₹25.22 करोड़‑₹25.22 करोड़—भरने का निर्देश जारी किया था, ताकि यमुना में जारी गंदगी को स्वच्छ किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला फिलहाल सुनवाई प्रक्रिया जारी रखे जाने तक लागू रहेगा।
इस बीच, यमुना में बर्फीले फोम की तीव्रता से हो रही प्रदूषण की समस्या जरी है, जिससे नदी और आसपास के पारिस्थितिकी पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, और नदी की सफाई को लेकर नागरिकों की चिंता बढ़ रही है।