सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने मद्रास आईआईटी में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बाद खुद को विजेता घोषित करने के नरेटिव पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “अगर आप एक पाकिस्तानी से पूछें कि हार या जीत क्या हुई, तो वह कहेगा, ‘मेरे चीफ को फील्ड मार्शल बना दिया गया है, तो हम तो जीत ही गए होंगे।'”
जनरल द्विवेदी ने इसे पाकिस्तान की ‘नरेटिव मैनेजमेंट’ रणनीति करार दिया, जिसके तहत वह अपने नागरिकों को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे हर संघर्ष में विजयी हैं। उन्होंने इसे आधुनिक युद्ध में मानसिक जीत की अहमियत से जोड़ा और कहा कि “विजय हमेशा मन में होती है।”
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय सरकार द्वारा सेना को दी गई “फ्री हैंड” को दिया। उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुखों से कहा था, “अब बहुत हो गया,” जिससे ऑपरेशन की शुरुआत हुई।
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को एक “चेस गेम” से तुलना करते हुए कहा कि यह एक ग्रे जोन मिशन था, जिसमें दोनों पक्षों ने अप्रत्याशित चालें चलीं, जिससे भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण ऑपरेशनल चुनौतियाँ उत्पन्न हुईं।
इस दौरान भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने भी ऑपरेशन की सफलता का श्रेय सरकार की स्पष्ट और निर्णायक नीति को दिया। उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” में पाकिस्तान के छह विमानों को मार गिराना एक ऐतिहासिक सैन्य सफलता थी।
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुँचाया गया।