मार्केट का मूड बदलेगा! अगले सप्ताह टैरिफ तनाव और महंगाई के आंकड़े बनाएंगे दिशा का फैसला

भारतीय शेयर बाजार ने लगातार छह सप्ताहों में गिरावट का सामना किया है, जिसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा भारत के आयातों पर 50% तक टैरिफ वृद्धि है। इस सप्ताह के अंत में, सेंसेक्स और निफ्टी 50 में लगभग 1% की गिरावट आई, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में और भी अधिक गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अमेरिकी टैरिफ नीति और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण हुई है।

अगले सप्ताह, 12 और 14 अगस्त को भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आंकड़े जारी होंगे। भारत में जुलाई महीने की महंगाई दर 1.8% तक गिरने की संभावना है, जबकि अमेरिका में यह 2.8% तक बढ़ सकती है। अमेरिका में महंगाई दर में वृद्धि से अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो सकती है, जो उभरते बाजारों के लिए नकारात्मक संकेत है।

इसके अतिरिक्त, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति से विदेशी पूंजी प्रवाह प्रभावित हो सकता है, जो भारतीय बाजारों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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